वक्त से लड़कर जो अपनी तकदीर बदल दे, इंसान वही जो हाथों की लकीर बदल दे, कल क्या होगा कभी ना सोचों, क्या पता कल वक्त, खुद अपनी तस्वीर बदल दे।
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